स्वस्थ युवाओं से ही होगा स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण:नड्डा
जयपुर,
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा
है कि स्वस्थ युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत है एवं स्वस्थ युवाओं से स्वस्थ
राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सरकारी की
प्रमुख प्राथमिकता है एवं राष्ट्र के स्वास्थ्य सूचकाकों को सुधारने पर
विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
नड्डा सोमवार को मध्याह्न इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में राष्ट्रीय
कृमि उन्मूलन कार्यक्रम की घोषणा के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर
रहे थे। उन्होंने एवं प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र
राठौड़ ने स्कूली बच्चों को डिवर्मिंग की दवा देकर इस राष्ट्रीय कार्यक्रम
के शुभारम्भ की घोषणा की। कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 11 राज्यों के 14
करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन दिवस 10 को कृमि संक्रमण की दवा
सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में
निःशुल्क दी जायेगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विश्वास
व्यक्त किया कि इस अभियान से बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी इस चुनौति का
सफलता से मुकाबला किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि डिवर्मिंग से बच्चों के
पेट के कृमि की समस्या का समाधान होने व उन्हें समुचित पोषण मिलने से उनका
समुचित शारीरिक और मानसिक विकास हो सकेगा। कुपोषण के शारीरिक और मानसिक
कुपोषण की समस्या बच्चों से ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता से जुड़ी समस्या
है और डिवर्मिंग से इसे कोस्ट इफेक्टीव तरीके से दूर किया जा सकता है।
नड्डा ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में
जनप्रतिनिधियों एवं जनसहभागिता की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुये कहा कि
संख्या के साथ ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें सुलभ कराने के लिये
समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं
के क्षेत्र में किये जा रहे कार्याें की प्रशंसा करते हुये कहा कि निःशुल्क
दवा योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान ने एक नई मिसाल कायम की है।
उन्हांेने स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिये प्रदेश में गंभीरतापूर्वक किये जा
रहे प्रयासों पर भी संतोष व्यक्त किया और कहा कि केन्द्र आवश्यकतानुसार
वित्तीय संसाधान उपलब्ध करायेगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य ने इस अवसर पर
राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन कार्यक्रम से संबंधित गाईडलाईन, आॅडियो व विज्युअल
प्रचार सामग्री का विमोचन किया।
राजस्थान को भी चिकित्सा शिक्षा के हब के रूप में विकसित किया जायेगा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र
राठौड़ ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन कार्यक्रम सही मायने मे कृमि रोग
के उन्मूलन की प्रथम सीढ़ी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10 व 13 फरवरी
को 6 से 19 साल तक बच्चों को राजकीय विद्यालयों मंे एवं 6 साल तक के
बच्चों को 10 से 13 तक आंगनबाड़ी केन्द्रों में डिवर्मिंग की खुराक दी
जायेगी। उन्होंने बताया कि खुले में शौच करना कृमि रोग की दृष्टि से
जोखिमपूर्ण माना जाता है। राजस्थान में पंचायतीराज चुनाव के दौरान
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अर्हताओं में शौचालय जोड़कर अत्यंत महत्वपूर्ण
कार्य किया गया है। इसके कारण विगत् 3 माह में ही 6 लाख से अधिक शौचालय
बनाये गये।
राठौड़ ने कहा कि हमारा प्रदेश क्षेत्रफल
की दृष्टि से सबसे बड़ा होने के साथ ही हमारे यहां जनसंख्या घनत्व मात्र
200 है। इसके कारण स्वास्थ्य सेवायें सुदूर गांवो और ढ़ाणियों तक पहुंचाने
में अधिक लागत आती है। कैंसर, हृदय व मधुमेह जैसी बढ़ती बीमारियों की
रोकथाम के लिये प्रदेश में प्रारम्भ किये जाने वाले अभिनव स्वास्थ्य
कार्यक्रमों के लिये भी अधिक संसाधनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि
स्वास्थ्य सूचकांकों की दृष्टि से राजस्थान को पिछड़ा प्रदेश माना जाता रहा
है। स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के स्वास्थ्य सूचकांकों को सुधारने पर विशेष
ध्यान दे रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया
कि स्वास्थ्य की दृष्टि से पिछड़े 10 जिलों को हाईफोकस डिस्ट्रिक के रूप
में चिन्हित कर अपेक्षाकृत अधिक स्वास्थ्य सेवायें सुलभ कराने के साथ ही
मिलेनियम डवलपमेंट गोल्स अर्जित करने की दिशा में कड़ी मेहनत की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इन जिलों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी प्रशिक्षित
मानव संसाधनों की कमी को ध्यान में रखते हुये चिकित्साकर्मियों को
अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश में 7
नये मेडिकल काॅलेज स्वीकृत करने के लिये केन्द्र को धन्यवाद देते हुये कहा
कि दक्षिणी राज्यों की तरह राजस्थान को भी चिकित्सा शिक्षा के हब के रूप
में विकसित किया जायेगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव बी.पी शर्मा ने
राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन कार्यक्रम को बच्चों की विभिन्न बीमारियों के
नियंत्रण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि एक रुपये से भी
कम दाम की यह दवा बच्चों के पेट के कीड़ों को नष्ट कर उनके पोषण संबंधी
समस्याओं का समाधान करती है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के
निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार समुदाय एवं अन्य सभी संस्थाओं को जोड़कर देश
के समस्त बच्चों की डिवर्मिंग करने का कार्य किया जा रहा है।
अतिरिक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन के मिशन निदेशक सीके मिश्रा ने इस राष्ट्रीय कार्यक्रम पर विस्तार से
प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विश्व में 80 करोड़ एवं हमारे देश में करीब
27 करोड़ बच्चें कृमि रोग की जोखिम में माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृमि रोग
की जोखिम में मानी जाती है। इसके कारण बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से
अस्वस्थ रह जाते हैं एवं शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में पिछड़ सकते है। इन
सबको दृष्टिगत रखते हुये एक ही दिन में 14 करोउ़ बच्चों को डिवर्मिंग की
दवा देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। देश के शेष बच्चों को अगले चरण में
यह दवा दी जायेगी।
प्रदेश के प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुये प्रदेश में
कृमि उन्मूलन कार्यक्रम के तहत निर्धारित कार्ययोजना पर प्रकाश डाला।
केन्द्रीय संयुक्त सचिव स्वास्थ्य डाॅ. राकेश कुमार ने अतिथियों का धन्यवाद
ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा
शिक्षा जेसी महान्ति, मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नवीन
जैन, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम नीरज के पवन, निदेशक जनस्वास्थ्य डाॅ.
बी.आर.मीणा, निदेशक आरसीएच डाॅ. हरीओम नारायण शर्मा, निदेशक सीफू डाॅ. एमएल
जैन सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
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