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Monday 26 March 2012

आगम सेवक पत्रिका का भव्य विमोचन

विश्व विख्यात सेठ साहब की स्वर्णिम नसियाँ जी स्थित विशाल मानस-स्तम्भ  (84 फुट ऊंचे) के नीचे श्री दिगम्बर जैन आगम सेवक मंडल अजमेर के स्वर्ण जयंति वर्ष चैत्र शुक्ल एकम् (1962-2012) पर आगम सेवक पत्रिका का विमोचन किया गया। जैन समाज को समर्पित पत्रिका का विमोचन सेठानी सुनयना जी सोनी, पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती के सानिध्य में किया गया। समारोह में डॉ. बाहेती ने कहा कि राजस्थान की हृदय स्थली माने जाने वाले अजमेर के स्थापना दिवस पर आगम सेवक पत्रिका का विमोचन किया जाना अपने आप में विशेष संयोग है। यह भी संयोग है कि अजमेर का स्थापना दिवस और श्री दिगम्बर जैन आगम सेवक मंडल का स्वर्ण जयंति एक ही दिन है। पत्रिका का सम्पादन अनुपम जैन ने किया। आगम सेवक पत्रिका हर माह प्रकाशित की जायेगी।
इसके पश्चात उपस्थित धर्मसभा में परम पूज्य 108 श्री योगेन्द्र सागर जी महाराज की दि. 18 मार्च, 2012 को समादि सम्पन्न होने पर श्रृद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का मंच संचालन कमल गंगवाल ने किया।
इस मौके पर सेठानी जी सुनयना सोनी, डॉ. श्री गोपाल बाहेती, शान्तिलाल बडज़ात्या,  कडैल सरपंच घनश्यामजी, प्रतिभा सोनी, टीकमचन्द पाटनी, कमल गंगवाल, विनयकुमार सोगानी, विजयकुमार पाटनी, स्नेहलता पाटनी, प्रेमचन्द पाटनी. विकास बडज़ात्या, रिपेन्द्र कासलीवाल, पंकज गंगवाल, पदमचन्द गंगवाल, अभय पाटनी, इन्दरचन्द पाटनी, अरिजंय जैन आदि प्रमुख लोग उपस्थित थे।

Sunday 25 March 2012

शहर सिंधियत के रंग में रंगा रहा अजमेर

चेटीचंड पर शनिवार को शहर सिंधियत के रंग में रंगा रहा। बाजारों को दुल्हन की तरह सजाया गया। ढोल-ढमाकों के साथ निकाले गए जुलूस को देखने शहर उमड़ पड़़ा। जहां देखो वहीं 'वाह रे सिंधी वाह' का नारा गूंज रहा था। कहीं डीजे पर संगीत की तेज धुनों पर मस्ती में थिरकते युवा तो कहीं ढोल की थाप पर नाचते लोग। दोपहर से शाम तक जुलूस की धूम मची रही।

देहली गेट स्थित पूज्य लाल साहिब मंदिर पर सुबह दीप प्रज्ज्वलन के बाद बहिराणा साहिब का पूजन किया गया। इसके बाद भगवान झूलेलाल की मुख्य प्रतिमा को बग्गी में विराजित किया गया। सिंध से लाई गई ज्योत को भी बहिराणे साहब के साथ रखा गया। ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महंत स्वरूपदास, निर्मलधाम आश्रम के स्वामी आत्मदास, महंत स्वामी ईसरदास, जतोई दरबार के फतनदास, पूज्य लाल साहिब के मुख्य ट्रस्टी प्रभुदास लौंगानी, हेमंत दास छबलानी, दौलतराम पवनानी, जयकिशन पारवानी, संतोष भावनानी दौलत लौंगानी सहित समाज के लोगों की उपस्थिति के बीच शोभायात्रा का फीता काटकर शुभारंभ किया गया। सिर पर लाल पगडिय़ां बांधकर डांडिया खेलते सिंधी समाज के लोग यहां से सामूहिक रूप में जुलूस के रूप में रवाना हुए। देहली गेट के बाहर से एक के पीछे एक क्रमवार झांकियों का काफिला और डांडिया करने वाली टोलियां जुलूस में शामिल होती गई। इस अवसर पर विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, नगर निगम मेयर कमल बाकोलिया, नगर सुधार न्यास अध्यक्ष नरेन शाहनी, पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, भाजपा शहर अध्यक्ष रासासिंह रावत, पूर्व महापौर धर्मेंद्र गहलोत सहित कई राजनेता जुलूस मौजूद थे।



झूलेलाल साहिब का शृंगार कर सिंधियत तथा भारतीय संस्कृति को दर्शाती हुई अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक व भगवान झूलेलाल की झांकियों की विशाल शोभायात्रा देहली गेट से गंज चौराहा, आगरा गेट, नयाबाजार, चूडीबाजार, स्टेशन रोड, पड़ाव, गोलचक्कर, रावण की बगीची, आशागंज, गुरुनानक कॉलोनी, डिग्गी चौक, प्लाजा सिनेमा, कवंडपुरा, मदारगेट, नला बाजार, दरगाह बाजार, धानमंडी, देहलीगेट होते हुए गंज गुरुद्वारे पर समाप्त हुआ। मुख्य बाजारों में जगह जगह स्वागत द्वार बनाए गए। जुलूस जिन-जिन मार्गों से होकर गुजरा वहां-वहां लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। स्वागत करने वालों की होड़ सी लगी रही। सभी आयु वर्ग के लोग इसमें शामिल थे।



शहर के प्रमुख चौराहों पर समाज के लोग परिवार सहित झांकियां देखने पहुंचे। प्रमुख रूप से देहली गेट, आगरागेट, मदार गेट, आशागंज, नयाबाजार, पुरानी मंडी पर लोगों की भीड़ रही। झांकियों को देखने के लिए बच्चे खासे उत्साहित नजर आए। आशागंज, पुरानी मंडी, नया बाजार में लोग घरों की छतों पर लोगों की भीड़ जमा रही। परंपरागत सिंधी परिधान में समाज के युवा व बुजुर्ग नजर आए। अधिकांश लोग लाल पगड़ी व लाल जैकेट पहने नजर आए। समाज के लोगों ने बताया कि सिंध में यही पहनावा हुआ करता था। समय बदलने के साथ ही पहनावा बदलता गया, लेकिन धार्मिक आयोजनों में लोग अब लाल पगड़ी व लाल जैकेट पहनने लगे हैं।
इस बार झांकियों में आधुनिकता लाने का प्रयास किया गया। समाज के विभिन्न क्लबों ने उच्च तकनीक का प्रयोग करते हुए नया करने का प्रयास किया गया। भारतीय रेल की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। रेल भाप इंजन में भगवान झूलेलाल को बैठाया गया। उक्त झांकी बनाने वाले वाले युवाओं ने बताया कि आजादी से पहले ट्रेन में सवार होकर सिंधी भारत आए थे। इसी तरह भगवान शिव की जटाओं से गंगा को बहते दिखाया गया। जुलूस में देखने आए लोगों ने शिव बने युवक से आशीर्वाद भी लिया।

लोकपाल बिल पर बनाई गई झांकी

चेटीचंड के इस जुलूस में जन लोकपाल बिल के पर बनाई गई झांकी को लोगों ने खूब सराहा। उक्त झांकी में अन्ना हजारे को किरण बेदी मोटर साईकिल पर बिठाये हुए थी व आगे एक बैनर लगा हुआ था जिस पर लोकपाल बिल पास करो लिखा हुआ था। किरण बेदी व अन्ना हजारे बने कलाकारों ने पूरे अजमेर में हर जगह लोगों का खूब मनोरंजन किया।

Tuesday 20 March 2012

53 जोड़ों का विवाह कराया

पहला कदम संस्थान की ओर से आयोजित द्वितीय सर्व-धर्म सामूहिक विवाह समारोह में मात्र एक रूपए में 53 जोड़ों का विवाह कराया गया। पुष्कर रोड स्थित विश्राम स्थली में रविवार को आयोजित सम्मेलन ने साम्प्रदायिकता की मिसाल पेश की। एक ओर पंडितों के मंत्रोच्चार की गंूज रही तो दूसरी ओर काजी ने निकाहनामा पढ़ा। एक ही छत के नीचे हिन्दू, मुस्लिम व सिख समाज के जोड़ों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर साथ जीने मरने की कसम खाई। समारोह में जिले तथा अन्य राज्यों से आए लोग विवाह के साक्षी बने ओर सभी ने विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।

सुबह 8 बजे दूल्हों की निकासी दरगाह शरीफ के निजाम गेट से प्रारम्भ हुई। यह गंज गुरूद्वारा, सोनीजी की नसियां, आगरा गेट गणेश मंदिर होते हुए, नया बाजार, चूड़ी बाजार से नगर-निगम, आगरा गेट चर्च से सुभाष उद्यान जाकर सम्पन्न हुई। इस दौरान मोती कटला गेट पर दिगम्बर जैन महिला मण्डल सदस्यों ने सभी दूल्हों को तिलक लगाकर नेग के रूपए दिए व पान खिलाया। रास्ते में शहीद भगत सिंह मित्र मण्डल की ओर से मिल्क रोज पिलाकर बारातियों पर पुष्प वर्षा की। इसके बाद बारात बस से विश्राम स्थली पहंुची। सभी दूल्हों ने तोरण की रस्म के बाद पाणिग्रहण संस्कार में भाग लिया। इसमें हिन्दू समाज के 47 जोड़ों ने फेरे लिए।


पांच जोड़ों का मुस्लिम धर्मानुसार निकाह हुआ। इनके अलावा एक सिख जोड़ा हमसफर बना। शाम को दुल्हनों की विदाई की रस्म हुई। समारोह में विधायक अनिता भदेल, पुष्कर के पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, महापौर कमल बाकोलिया एवं विभिन्न धर्मोü के धर्म गुरू, महंत श्यामसुंदर, शरण देवाचार्य, वाहिद अंगारा, सुखविंदर सिंह, फादर कॉसमॉस शेखावत, फादर जॉर्ज एफ. चाल्र्स, स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री, राहुल सुमन छाबड़ा आदि ने सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया।

Monday 19 March 2012

भारत के फाइनल की राह, श्रीलंका के प्रदर्षन पर निर्भर

भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी कल श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच होने वाले अंतिम लीग मैच में मेहमान टीम की जीत की दुआ करेंगे क्योंकि इस मैच से ही एशिय्ाा कप में भारत का भाग्य्ा तय्ा होगा। भारत ने कल विराट कोहली की 148 गेंद में 183 रन की पारी की मदद से पाकिस्तान पर रोमांचक जीत दर्ज करके खुद को फाइनल की दौड़ में शामिल रखा है।

गुरुवार को होने वाले फाइनल में जगह बनाने के लिए हालांकि कल की जीत ही काफी नहीं होगी क्योंकि भारत का भाग्य्ा पूरी तरह से इस पर निर्भर है कि श्रीलंका कैसा प्रदर्शन करता है। बांग्लादेश की कमजोर मानी जाने वाली टीम के हाथों पांच विकेट की शिकस्त झेलने वाले भारत को अब कल श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच होने वाले मैच के नतीजे का इंतजार करना होगा।

अगर श्रीलंका कल जीत दर्ज करता है तो भारत फाइनल में पहुंच जाएगा जबकि उसकी हार का मतलब होगा कि गुरुवार को खिताबी भिड़ंत पाकिस्तान और बांग्लोदश के बीच होगी। टूर्नामेंट के निय्ामों के मुताबिक अगर दो टीमों के अंक बराबर रहते हैं तो उनके बीच हुए मुकाबले के नतीजे पर गौर किय्ाा जाएगा और ऐसे में बांग्लादेश की टीम फाइनल में पहुंच जाएगी क्योंकि उसने लीग मैच में भारत को हराय्ाा है। दोनों टीमों की मौजूदा फार्म को देखा जाए तो बांग्लादेश कल एक और उलटफेर भरी जीत की उम्मीद कर सकता है। टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में पाकिस्तान को कड़ी चुनौती देने के बाद बांग्लादेश ने भारत के 289 रन के लक्ष्य्ा को पांच विकेट और चार गेंद शेष रहते हासिल कर लिय्ाा था।

भारत के खिलाफ तमीम इकबाल, जहूरुल इस्लाम, नासिर हुसैन, साकिब अल हसन और कप्तान मुशफिकुर रहीम सभी ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। तमीम ने शीर्ष क्रम में टीम को ठोस शुरूआत दिलाई जबकि साकिब और मुशफिकुर ने अंत में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए टीम की जीत सुनिश्चित की।

बल्लेबाजी जहां बांग्लादेश का मजबूत पक्ष रही है वहीं टीम के गेंदबाजों ने निराश किय्ाा है। टीम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि भारत के खिलाफ कंधे में चोट के बाद शफीउल इस्लाम का कल के मैच में खेलना संदिग्ध है और ऐसे में अनुभवी मशरेफ मुर्तजा पर दबाव और बढ़ जाएगा। साकिब, अब्दुर रहमान, महमूदुल्लाह और नासिर हुसैन की स्पिन चौकड़ी के लचर प्रदर्शन से भी टीम की मुश्किलें बढ़ी हैं।

बांग्लादेश की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि उसे कल श्रीलंका के रूप में ऐसी टीम से भिड़ना है जो भारत और पाकिस्तान के हाथों शिकस्त के साथ पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है और अब सम्मान के लिए खेलेगी तथा स्वदेश रवाना होने से पहले जीत के लक्ष्य्ा के साथ उतरेगी। आस्ट्रेलिय्ाा में त्रिकोणीय्ा श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन करने वाली श्रीलंका की टीम एशिय्ाा कप में उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। टीम को चोटिल आलराउंडरों एंजेलो मैथ्य्ाूज और तिसारा परेरा की कमी खल रही है। टीम को साथ ही बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में कुछ चुनौतिय्ाों से उबरना होगा। कप्तान महेला जय्ावर्धने और कुमार संगकारा जहां अच्छी फार्म में हैं वहीं आक्रामक सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान की खराब फार्म टीम की परेशानी का सबब बन रही है।

केन्द्र की मार,राज्य से राहत की दरकार

उद्योग और व्यापार जगत ने आम बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उद्यमियों ने बजट को कमरतोड़ महंगाई बढ़ाने वाला बजट करार दिया है। इस बजट ने व्यापारियों, आमजन,औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े उद्यमियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इससे न तो व्यापारी वर्ग को कोई खास लाभ मिलेगा और बजट न ही में उद्योगों के विकास के लिए कोई विशेष पेकेज देने की घोषणा की गई है। सर्विस टैक्स एवं एक्साइज बढ़ाने से आम उपभोक्ता पर भार पड़ेगा आयकर सीमा नाममात्र बढऩे से मामूली राहत मिलेगी। राजस्थान ऑटो मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के सचिव सचिव नरेश सिंघल ने कहा कि बजट से आम आदमी और व्यापारियों को जो आशाएं थी वो पूरी नहीं हो सकीं। बजट में इनकम टैक्स में कोई छूट न देते हुए सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ा दिया है इससे हर चीज महंगी होगी। आम उपभोक्ता को कोई खास लाभ नहीं होगा। बजट में बुनियादी ढाचा मजबूत करने और गुड्स एण्ड सर्विस की घोषणा अगस्त माह में लागू करने की योजना स्वागत योग्य है। जेकेजे एण्ड संस के निदेशक कैलाश मौसूण ने बताया कि सोने पर आयात कर 2 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है इससे सोना और महंगा हो गया है। बजट से पूर्व लोगों को सोने के दाम स्थित रहने की आशाएं थी। आयात कर बढऩे के कारण खरीददारी पर विपरीत प्रभाव होगा। जवाहरात उद्यमियों को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है। ऑल राजस्थान एग्रीकल्चर ट्रेड एण्ड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश भाटिया और प्रवक्ता बनेचन्द जैन ने बजट को आशा के अनुरूप नहीं माना है। बजट में उत्पाद शुल्क दस से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है। इससे किसानो को वाटर पम्प एक हजार से पांच हजार रुपए तक महंगे मिलेगे। इसी तरह वॉटर पम्प के साथ लगने वाले पैनल भी महंगे मिलेंगे। एबीसी एकाउंटेंसी के निदेशक संदीप गुप्ता ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट बहुत ही निराशाजनक है। आयकर दरों में बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है तथा सर्विस टैक्स में 2 फीसदी बढ़ोत्तरी कोढ़ में खाज वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। जिस सोच के साथ नेता लोग अपना वेतन तथा भत्ते में बढ़ोत्तरी करते हैं उसी सोच के साथ आम जनता के बारे में सोचा जाता तो और भी बेहतर होता । बजट आम जनता पर महंगाई लादने वाला है। यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ताराचन्द चौधरी और महासचिव अनिल उपाध्याय एवं विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के महासचिव जगदीश सोमानी ने बताया कि दो प्रतिशत कर बढ़ाने से महंगाई बढ़ेगी। साबुन एक रुपए तक महंगा हो सकता है। ब्याज दरें कम होने के बजाय बढऩे के संकेत मिले हैं। इंडस्ट्रीज को कोई विशेष पैकेज नहीं दिया गया है। उद्यमियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। भाजपा भारी उद्योग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रेम पोद्दार ने कहा कि बजट में छोटे और मंझोले उद्योगों को राहत दी है लेकिन औद्योगिक विकास और नई इंडस्ट्रीज लगाने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया है। बजट से आमजन की उम्मीदें जुड़ी हुई थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली इस बजट से सिर्फ महंगाई को ही बढ़ावा मिलेगा। कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री रवि जिंदल ने बताया कि आम आदमी की कमर तोडऩे वाला बजट है। इनकम टैक्स में 20 हजार रुपए की छूट ज्यादा उपयोगिता नहीं रखती। न्यू आतिश मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष विष्णु कूलवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार ने बजट में गरीबों के हितों की अनदेखी करते हुए बजट पेश किया है। सर्विस टैक्स से महंगाई और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान कपड़ा व्यापार महासंघ के महासचिव मुकेश पारीक ने बताया कि बजट महंगाई बढ़ाने वाला बजट है आम आदमी परेशान होगा। आयकर सीमा सिर्र्फ20 हजार बढ़ाई है जबकि आम आदमी जेब से सर्विस टैक्स एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर आम आदमी की जेब पर डाका डाला है। इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। होटल एसोसिएशन ऑफ जयपुर के अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने बताया कि सर्विस टैक्स बढ़ाने के कारण पर्यटकों को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। इसके चलते विदेशी और घरेलू पर्यटकों की संख्या में गिरावट आएंगी। केरल में ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वहां विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन राजस्थान हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसके बावजूद भी पर्यटकों को बढ़ावा दिए जाने के कोई खास प्रयास नहीं किए गए हैं। इंडस्ट्रीयल एरिया मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष जयभगवान अग्रवाल, वरिष्ठï उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता और महासचिव आनंद गुप्ता ने बताया कि उद्योग जगत में सर्विस टैक्स का अतिरिक्त भार पड़ेगा। बजट में आम जन के अलावा औद्योगिक क्षेत्र में महंगाई को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि 5 हजार करोड़ का इंडिया इक्विटी फण्ड छोटे और मझोले उद्योगों को दिया है इससे उद्योगों को कुछ हद तक मदद मिलेगी। साथ ही एक करोड़ तक के लेनदेन वाले उद्योगों को ऑडिट में छूट दी गई है इसका उद्योगों को लाभ मिलेगा। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महंगाई बढ़ाने वाले बजट की संज्ञा दी है। वार्षिक ऑडिट की सीमा 60 लाख के टर्नऑवर को बढ़ाकर एक करोड़ कर देने से कुछ हद तक छोटे व्यापारियों को जरूर राहत मिलेगी। गुप्ता ने बजट को उद्योग जगत के लिए बड़ा झटका बताया है। इस बजट को व्यापारियों की आशा के अनुकूल नहीं माना जा सकता। राजस्थान ट्रक ट्रांसपोर्ट के अध्यक्ष वेद भूषण सेठी ने बताया कि बड़े वाहनों पर उत्पाद कर लगाने से वाहन महंगे होंगे सरचार्ज 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत होने से सरकार महंगाई बढ़ा रही है। राजस्थान ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन बजट की भत्र्सना करती है। बगरू इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ पोद्दार ने बताया कि सरकार को बजट में पेट्रोल और डीजल को रोजमर्रा की वस्तुओं में शामिल करना चाहिए था। इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अगर केन्द्र सरकार बजट में इस तरफ ध्यान देती तो देश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकती हैं। बजट पूर्ण रूप से बेबुनियाद और आम जन को कतई राहत देने वाला नहीं है। एमआई रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश सैनी ने बताया कि जिस तरह से केन्द्र सरकार से लोगों को उम्मीद थीं वो बजट के बाद आशा के विपरीत दिखने लगी हैं। इनकम टैक्स 3 लाख रुपए होना चाहिए था जिसे 2 लाख तक के ही दायरे में रखा गया है। बजट में सिर्फ खानापूर्ति की गई है। रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो गई है। अब केन्द्र सरकार के बजट के बाद अब व्यापार उद्योग जगत की उम्मीदें राज्य बजट पर टिकी हुई है। राजस्थान आयरन एंड स्टील रि रोलर्स एसोसिएशन के महासचिव लखन गोयल ने बताया कि लोहे पर उत्पाद कर बढऩे से लोहा महंगा हुआ है। लेकिन लिमिट पूर्व की डेढ़ करोड़ ही है। जैतपुरा इंडस्ट्रीयल एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.बी. मलिक ने बताया कि उत्पाद कर बढऩे से कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी। श्रमिक समस्याओं का कोई समाधान बजट में नहीं निकाला। मालवीयनगर इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि इंडस्ट्रीज के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। उत्पाद शुल्क एवं सर्विस टेक्स बढऩे से महंगाई बढ़ेगी। बजट में लगता है कि सरकार उद्योगों के लिए सोचना ही भूल गई है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनित बगई ने बताया कि सर्विस टैक्स बढ़ाना अनुचित कदम है। मध्यमवर्ग को राहत देने वाला बजट नहीं है। पेट्रोल डीजल के लिए भी कोई योजना तैयार नहीं की गई है। हीरावाला इंडस्ट्रीयल एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि 2 प्रतिशत सर्विस टैक्स बढ़ाने से महंगाई बढ़ेंगी। खाद्य तेल पर आयात कर कम नहीं किया गया है। इससे खाद्य तेल पर असर पड़ेगा। सरना डूंगर इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष कल्याण सहाय सैनी ने बताया कि उत्पाद कर बढ़ाने से उत्पाद महंगे होंगे। इलेक्ट्रोनिक उत्पादों को महंगा करने से चाइना ब्रांड का चलन इलेक्ट्रोनिक मार्केट में बढ़ जाएगा। बस्सी इंडस्ट्रीयल एरिया एसोसिएशन के महासचिव राजकुमार धामाणी ने बताया कि इस बजट से उद्यमियों को कोई फायदा नहीं हुआ है। लागत बढऩे से उत्पाद महंगे होंगे। आम आदमी पर दो प्रतिशत का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक चंद अग्रवाल ने बताया कि बजट में आम आदमी को राहत नहीं मिली है। बजट में गरीब का कोई स्थान नहीं है। जौहरी बाजार व्यापार मंडल के पूर्व महामंत्री कैलाश मितल ने बताया कि सोने की कीमतें बढऩे से बाजार में गिरावटें आएंगी व सट्टेबाजी बढ़ेगी। संजय बाजार व्यापार मंडल समिति के महासचिव अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में एफडीआई मामले को तो रोका है लेकिन दूसरी और आधारभूत सुविधाओं में विदेशी निवेश को खुला आमंत्रण दिया है। साथ ही शेयर मार्केट में भी विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया है। जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं विदेश निवेश को ही बढ़ावे के संकेत है। सरकार को राजस्थान के औद्योगिक घरानों को प्रोत्साहित करना चाहिए था। जयपुर हैंडलूम व्यवसायी संघ के अध्यक्ष हरीश मलहोत्रा ने बताया कि बजट में आम आदमी के हितों की अनदेखी की गई है। बजट पूर्ण रूप से निराशाजनक है और महंगाई को बढ़ावा देने वाला है। इससे आम आदमी को कतई राहत नहीं मिलेगी। गरीब और अमीर के मध्य का अंतर और बढ़ जाएगा। सोसायटी फोर सोशल एम्पावरमेंट के प्रदेश संयोजक बुद्धिराम मान का कहना है कि वर्ष 2012 का बजट आम आदमी की आशाओं के अनुकूल नहीं है। आम जनता पहले ही महंगाई की त्रासदी झेल रही थी। सरकार ने बजट में जनता को कोई राहत नहीं दी है। यह बजट कमरतोड़ महंगाई बढ़ाने वाला है। सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ जनता को अगले एक साल तक महंगाई से मुकाबला करने के लिए बिना कोई राहत दिए अकेला छोड़ दिया है।

Tuesday 13 March 2012

पत्‍नी को भी क्रिकेट किट नहीं छूने देते थे राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ ने एक बार गुस्‍से में आकर कुर्सी उठाकर फेंक दी थी। भारतीय क्रिकेट के मिस्टर कूल ने टीम की शर्मनाक हार के बाद ऐसा किया था। क्रिकेट को अलविदा कहने वाले द्रविड़ की पत्नी विजेता ने इसका खुलासा किया है।

विजेता ने द्रविड़ के जीवन के ऐसे ही कुछ अनछुए पहलुओं को एक लेख में उजागर किया है। विजेता ने कहा कि इतने साल में द्रविड़ ने कभी आपा नहीं खोया लेकिन एक बार वह खुद पर नियंत्रण नहीं रख सके। विजेता ने कहा, ‘मुझे याद है कि एक बार वह टेस्ट से लौटे और कहा कि मुझे आज बहुत गुस्सा आया। उन्होंने कुछ और नहीं कहा। कई महीनों बाद वीरू ने मुझे बताया कि मुंबई में इंग्लैंड से हारने के बाद उन्होंने कुर्सी उठाकर फेंक दी थी।’

विजेता ने कहा कि राहुल को 2007-08 तक खेलने की उम्मीद थी, लेकिन उनके समर्पण, जुनून और फिटनेस रूटीन की वजह से वह 2012 तक खेल सके।द्रविड़ रात या दिन की परवाह किए बगैर शैडो प्रैक्टिस में मशगूल रहते थे। विजेता लिखती हैं, 'यह मेरे लिए अजीब था, एक बार तो रात को मुझे ऐसा लगा जैसे राहुल नींद में चल रहे हों, लेकिन वो प्रैक्टिस कर रहे थे।'


विजेता ने बताया है कि हर दौरे पर जाने के लिए राहुल का सारा सामान वह खुद पैक करती थीं, लेकिन वह उन्‍हें क्रिकेट किट पैक नहीं करने देते थे। क्रिकेट किट राहुल को काफी अजीज थी और उसे वह खुद ही पैक करते थे। उन्हें कपड़ों, ब्रांडेड घड़ियों, कारों या गैजेट्स की कोई चिंता नहीं थी। यहां तक कि राहुल बीस साल तक एक ही ड्राई क्रीम लगाते रहे। लेकिन क्रिकेट किट से कोई समझौता उन्‍हें मंजूर नहीं था। उनके बल्ले का वजन एक ग्राम भी कम हो जाए तो उन्‍हें तुरंत महसूस होता था।

राहुल मैच से पहले जम कर पसीना बहाते थे, लेकिन मैच के दिन राहुल को शांति चाहिए होती थी। उन्हें जल्दबाजी में टीम बस में जाना या क्रीज पर जाना पसंद नहीं था। अपनी आंतरिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए राहुल को एकांत में दस मिनट चाहिए होते थे।