अधिकारी आपस में समन्वय रख विकास कार्यों को अंजाम दें: गुणवत्ता का ध्यान रख समय से पूर्व बजट का सदुपयोग हो- देवनानी
अजमेर। शिक्षा राज्य मंत्राी तथा अजमेर जिले के प्रभारी मंत्राी वासुदेव देवनानी एवं प्रभारी सचिव राज्य के प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्रीमत पाण्डे ने आज अजमेर जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ जिलाधिकारियों की बैठक लेकर महत्वपूर्ण विभागों के कार्यांे की समीक्षा की और जिले के पांच महत्वपूर्ण कार्यों पर चर्चा की जिन्हें राज्य के आगामी बजट में सम्मिलित करने के प्रयास हो सकें।
प्रभारी मंत्राी वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर जिले में महत्वपूर्ण विकास कार्य हो रहे है परन्तु विभागों के आपसी समन्व्य नहीं होने से इन कार्यांे को पूरी गति के साथ नहीं किया जा रहा जिसके फलस्वरूप कार्य तय समय सीमा से पूरे नही हो रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा की व कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए चालू वित्तीय वर्ष के बजट में आंवटित राशि का समय पर पूरा सदुपयोग करें जिससे जनता को लाभ मिल सकें।
उन्होंने जिला परिषद के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रा में नवर्निमित 181 पानी की टंकियों को अभी तक पाइप लाइन से नहीं जोड़कर इनसे पानी वितरण करने का कार्य प्रारम्भ नही किया गया है। जो गम्भीर विषय है। सभी विकास अधिकारी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साथ मिलकर आगामी 31 मार्च तक इन सभी टंकियों को पाइप लाइन से जुड़वाएं और पानी वितरण का कार्य शुरू करें। उन्होंने 31 मार्च तक ही जिले के सभी परिवारों को राशन कार्ड सुलभ कराने को कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की सोच है कि आम जनता को तत्काल राहत मिले।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्रीमत पाण्डे ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने अधिकारियों के साथ क्षेत्रा में चल रहे कार्यांे एवं योजनाओं का लगातार समीक्षा करें और जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में अवगत कराएं। उन्होंने मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कराए जाने वाले कार्यों के बारे में भी जानकारी दी ओर बताया कि मुख्यमंत्राी ने आगामी 2017 तक राज्य के सभी घरों को शौचालय युक्त बनाने को कहा है जिसे तय समय में पूरा करना है। इसी संदर्भ में स्वच्छता अभियान तेजी से चल रहा है। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे भी अपने क्षेत्रा के ग्रमीणों को प्रेरित कर घरों में शोचालय बनवाएं। अजमेर जिले में इस वर्ष 85 हजार नए शौचालय बनाने की स्वीकृति जिला परिषद द्वारा जारी की गई है। जिले में 3 लाख शौचालय बनाए जाने है।
पाण्डे ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंताओं से कहा कि वे ग्रामीण क्षे़त्रों में जाए और पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु कारगार कार्य करें।
जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि उनके स्तर पर प्रत्येक सप्ताह महत्वपूर्ण विभागों की बैठक लेकर आने वाली समस्याओं का तत्काल निदान किया जाता है। उन्होंने भी जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता से कहा कि वे तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता स्वयं उपखण्ड स्तर पर जाकर बैठक लें और जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर पेयजल योजनाओं को तत्काल पूरा करने का कार्य करें। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि संासद एवं विधायक कोष से स्वीकृत कार्यों को तत्काल शुरू कर उन्हें समय पर पूरा कराएं। उन्होंने इस संबंध में सभी उपखण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारियों की बैठक भी ली।
किशनगढ़ के विधायक भागीरथ चौधरी ने किशनगढ़ शहर व विधानसभा क्षेत्रा की पेयजल समस्या की विस्तार से चर्चा की और नसीराबाद- किशगढ़ पाइपलाइन डालने का कार्य शीघ्र शरू करने को कहा। उन्होंने ग्रमीण क्षत्रों में बनाए जाने वाले गौरव पथ कार्यो के भी शुरू नही होने पर चिन्ता व्यक्त की।
ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत ने अमृतकौर चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी के बारे में बताते हुए जवाजा क्षेत्रा की पेयजल योजना को जल्दी पूरा कराने को कहा। उन्होंने क्षेत्रा की पांच डिस्पेंसरी में भी चिकित्सक लगाने का सुझाव दिया।
केकड़ी के विधायक शत्राुघ्न गौतम ने बताया कि उनके विधायक कोष से 90 लाख रूपए के कार्य की स्वीकृति जारी हो चुकी है परन्तु अभी तक कार्य शुरू नही होने से ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या हो रही है। गांव में सड़क नही बनने से कीचड़ हो रहा है। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान दने की आवश्यकता बतातेे हुए केकड़ी विधानसभा क्षेत्रा की पेयलज व्यवस्था को पूरी तरह से सुचारू बनाने को कहा। उन्होंने नसीराबाद सेे केकड़ी लगाए एक श्रल्य चिकित्सक को तत्काल कार्यमुक्त कराने का भी अनुरोध किया। गौतम ने नसीराबाद से देवली तक बी.ओ.टी के आधार पर फौरलैन सड़क बनाने का सुझाव दिया
पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत ने रूपनगढ़ की पेयजल समस्या को गंभीर बताते हुए इसके तत्काल निदान की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्रा का अधिकांश क्षेत्रा अब अजमेर विकास प्राधिकरण में आ गया है जहां से ग्रामीण क्षेत्रों मंे सरकारी योजनाओं के लिए भी भूूमि आंवटन आदि के संबंध में दिक्कते हो रही है। उन्होंने पुष्कर अजमेर के मध्य में पहाड़ी से सुरंग बनाकर दो तीर्थो के बीच की दूरी को कम करने की योजना शीघ्र शुरू करने का अनुरोध किया।
अजमेर शहर अध्यक्ष अरविंद यादव ने अजमेर की पैेराफेरी की कॉलोनी को अजमेर विकास प्राधिकरण के माध्यम से पेयजल योजना से जोड़ने का पुनः अनुरोध किया और बताया कि शहरी क्षेत्रा मे ंएक लाख रूपए तक की आय वाले परिवारों को बी.पी.एल. की तरह कार्ड उपलब्ध कराने कि योजना के तहत नगर निगम तत्काल कार्ड बनवाएं। इस पर बैठक में बताया गया कि जनस्वास्थ्य अभियंात्रिकी विभाग एक सप्ताह में पैराफेरी कॉलोनी की पेयजल योजना बनाकर अजमेर विकास प्राधिकरण को सौंप देगा। नगर निगम द्वारा आय प्रमाण पत्रा के संबंध में जारी नए नियमों को ध्यान में रखकर कार्ड बनाना प्रारम्भ कर देगा।
देहात अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत ने सुझाव दिए कि अजमेर शहर को हैरिटेज व स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है जिसका लाभ सभी के सहयोग से लेना चाहिए। उन्होंने अजमेर को पर्यटन कि दृष्टि से विकसित करने हेतु यहां ट्रेवल एण्ड टूर मैनेजमेन्ट इंस्टीट्यूट खोलने का सुझाव दिया जो भारत सरकार द्वारा खोला जाता है।
बैठक में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रा से एक-एक महत्वपूर्ण कार्य के चयन पर राज्य सरकार को प्रस्ताव होने पर चर्चा हुई जिसके तहत किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्रा में नसीराबाद-, किशनगढ़ के मध्य नई पाइप लाइन डालने का कार्य, केकड़ी क्षेत्रा से नसीराबाद-देवली के मध्य 100 किलामीटर सड़क को बी.ओ.टी आधार पर फौरलेन बनाने, पुष्कर क्षेत्रा से रूपनगढ़ के स्थायी पेयजल योेजना को मूर्तरूप देने, अजमेर उत्तर व दक्षिण से ऐलिवेटेड रोड़ व आई टी पार्क का निर्माण कराने तथा ब्यावर को जिला बनाने के सुझाव आएं।
प्रभारी मंत्राी ने स्कूलों में नामांकन को दोगुना करने, अजमेर जिले कि कोई भी स्कूल शौचालय के बिना नहीं रहें के संबंध में उपनिदेशक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि अजमेर शहर के 100 जोन में अभी भी 48 घण्टे में पानी मिल रहा है जिनमंे 24 घण्टे में वितरित किया जाना है।
प्रभारी सचिव ने बैठक में ग्रामीण विकास, पेयजल, अजमेर विद्युत वितरण निगम, सार्वजनिक निर्माण, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यो की समीक्षा की और कहा कि अगली बैठक से पूर्व आज बैठक में लिए गए निर्णयों पर क्रियान्विति सुनिश्चत की जानी होगी। बैठक में भामाशाह योजना के तहत शिविर पुनः शुरू करने के बारे में भी जिला कलक्टर ने बताया। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लालाराम गूगरवाल ने ग्रामीण विकास एवं नरेगा योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए इस वर्ष 38 करोड़ रूपए आंवटित हुए जिनमें से 23 करोड़ अब तक व्यय हो चुके हैं।
बैठक में नवनिर्वाचित जिला प्रमुख वंदना नोगिया, उप जिला प्रमुख टीकम चंद चौधरी सहित सभी पंचायत समितियों के प्रधान मौजूद थे। जिला परिषद की ओर से बैठक में मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों व प्रभारी मंत्राी एवं प्रभारी सचिव का स्वागत किया गया। प्रारम्भ में अतिरिक्त कलक्टर किशोर कुमार ने स्वागत किया एवं जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने बैठक समाप्ति पर जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों की शनिवार को भास्कर ने ग्राउंड रिअलिटी जांची तो हैरान कर देने वाली लापरवाहियां सामने आईं। जिले में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए चिकित्सा महकमें की तैयारियां महज कागजी और जुबानी जमाखर्च से आगे नहीं बढ़ पाई हैं।
स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिले में इनफ्लूएंजा ए (एच-1 एन-1) रोग की रोकथाम उपचार एवं नियंत्रण के लिए हाई अलर्ट जारी किया। इस रोग की रोकथाम के लिए गाइड लाइन भी जारी की, लेकिन व्यवस्थाएं कागजी ही नजर आ रही हैं। रेपिड रेस्पॉन्स टीम भी कागजों में ही है।
जिला स्तरीय सेटेलाइट अस्पताल में ही गाइड लाइन की पालना नहीं हो रही है। अस्पताल में लंबे समय से फिजीशियन ही नहीं है। चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ के कई पद रिक्त हैं। सरकार को कई बार अवगत करवाने के बाद भी रिक्त पदों पर भर्ती नहीं हुई है। स्टाफ की कमी के चलते जनरल वार्ड का भी संचालन नहीं हो पा रहा है। अस्पताल 24 घंटे खुलने के बजाय सुबह और शाम को ही खुल रहा है। जबकि चिकित्सा विभाग के दिशा-निर्देश में 24 घंटे सैंपल कलेक्शन के निर्देश जारी किए गए थे। दिन भर में एक भी सेम्पल नहीं लिए जा रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों को जेएलएन अस्पताल भेजा जा रहा है। अस्पताल प्रभारी डॉ. बीडी हेड़ा ने बताया कि स्टाफ की कमी के चलते 24 घंटे मरीजों को सुविधा देना संभव नहीं है।
टेमीफ्लू-75 एमजी ही नहीं हैं अस्पताल में: सेटेलाइट अस्पताल में वयस्क स्वाइन फ्लू रोगी और छोटे बच्चों के लिए टेमीफ्लू
टेबलेट व सीरप ही नहीं है। डॉ. हेड़ा ने बताया कि जिन मरीजों को टेमीफ्लू-75 एमजी देनी होती है उन्हें टेमीफ्लू-30 एमजी की दो-दो गोलियां दी जा रही है। स्टाफ की कमी के चलते फील्ड में भी सर्वे नहीं हो पा रहा है।
शहरी डिस्पेंसरियों में सीमित दवाएं : शहरी डिस्पेंसरियों में भी सीमित दवा हैं। वैशाली नगर डिस्पेंसरी में टेमीफ्लू-75 एमजी की 200 और 30 एमजी की सौ दवा उपलब्ध है। कस्तूरबा डिस्पेंसरी में 75 एमजी की 100 और 30 एमजी की 50 की गोलियां हैं।
'आरएमएससी को 28 जनवरी को दवाओं का ऑर्डर दे दिया गया था। अभी टेमीफ्लू-75 एमजी की एक हजार और टेमीफ्लू सीरप 35 शेष बचे हैं। 6 फरवरी तक दवा आ जाएगी। फिलहाल अलवर से दवाओं की कमी को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।' - डाॅ. मोहित देवल, प्रभारी अधिकारी, जिला औषधि भंडार